झूठा (अर्मेनिया की लोक कथा)

एक समय की बात है . एक राजा हुआ करता था. एक बार उस राजा ने अपने तुरही बजाने वाले को भेज ये ऐलान करवाया कि

– हे  लोगों , जो  व्यक्ति सबसे अच्छा झूठ बोलेगा उसे राजा एक सोने का सेब देकर पुरस्कृत करेंगे.
दूर दूर से राजा के दरबार में लोग आये – राजा , राजकुमार , मंत्री लेकिन उनमे से कोई भी राजा का दिल नहीं जीत पाया.
अंत में एक बेहद गरीब आदमी आया , उसके हाथ में एक मटकी थी.
– हे राजन इश्वर आपको स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान करें – उस गरीब ने राजा से कहा. मैं अपने पैसे लेने आया हूँ. राजन आप मेरे कर्ज़दार है. आपको मुझे  एक सोने से भरी मटकी लौटानी है.
यह सुनकर राजा बोले – तुम झूठ बोल रहे हो. मैंने तुमसे कोई क़र्ज़ नहीं लिया है
इसपर उस गरीब ने कहा – हे राजन अगर मैं झूठ बोल रहा हूँ तो मुझे सोने का सेब देकर पुरस्कृत कीजिये.
राजा ने उस गरीब कि चालाकी समझी और अपने आप को बचाने की कोशिश करने लगा.
राजा ने कहा – नहीं तुम झूठ नहीं बोल रहे हो.
यह सुन उस गरीब ने झट से उत्तर दिया – अगर मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ तो लाइए मेरी सोने से भरी मटकी
राजा ने देखा कि वह गरीब जीत गया है और इससे आगे कुछ न बोलते हुए राजा ने उस गरीब को सोने का सेब देकर पुरस्कृत किया.

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