नमन! यू आर नॉट अ मैन

 

अपनी बेस्ट फ्रैंड रागिनी की इंगेजमेंट मे
मै लड़के वालो के बुजुर्ग लोगो से बारी बारी  परिचय ले रही थी कि तभी उनके बीच एक यंग लड़का आकर खड़ा होगया और अपने इंट्रोडक्शन देने की बारी का इंतजार करने लगा जैसे ही उसकी बारी आई मेरा फोन बजा और मै एक्सक्यूज़ मी कह कर वहां से चली गई, सच कहु तो  मुझे उस लड़के से बात न करनी पड़े इसलिये किसी के कॉल आने का नाटक किया था क्योकि मैने अभी कुछ देर पहले ही उसे अपने एज  ग्रुप मे कुछ ऐसी बाते करते हुये सुना
” इन बेवकूफ लड़कियो कि वजह से हम लड़को को जॉब नही मिलती, पता नही क्या क्या करके तो जॉब हासिल कर लेती है?”
इतना सुनने के बाद किसी ने उसकी बात  ‘अरे! छोड़ न यार’
कह कर  बात काटी
फिर भी वो चुप नही हुआ  और बोला
“कुछ काबिलियत नही होती इनमे फिर भी चली आती है हमसे बराबरी करने. . .
ये तो बस इसी लायक है यूज़ ऐंड थ्रो. . .
इसीलिये मै लड़कियो को उनकी लिमिटेशन  दिखाता रहता हूं, आखिरकार आई एम द मैन. . हा हा हा. . ‘
(ग्रुप मे किसी को भी पता नही था कि मै उनकी बाते सुन रही हूं)
फिर जब इंगेजमेंट के फोटोग्राफ्स आये तो हर दूसरी तीसरी पिक्चर मे  बस वही लड़का छाया था तब मैने अपनी फ्रैंड रागिनी से पूछा कि ये कौन है तो उसने बताया कि ये लड़का उसके होने वाले हसबैंड र‍ाघव  का कजिन  नमन है जिसने बैंगलौर यूनीवर्सिटी से बीटेक किया है और अब सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है. इससे पहले की मै उसके बारे मे बताती  रागिनी ने उसके हंसमुख  व्यवहार की तारीफ की, रागिनी अपने ससुराल वालो के पक्ष मे किसी की भी बुराई सुनने के मूड मे नही थी इसलिये मैने रागिनी की हां मे हां मिलाई  पर मुझे ये पता चल चुका था कि इस
इस नमन के  हंसमुख चेहरे के पीछे एक और चेहरा है जिसमे कई जहरीले राज छिपे है.
शादी मे नमन  राघव के आगे पीछे करता दिख रहा था.
वह जब भी मेरे सामने पड़ता  तो असभ्य लोगो की तरह एकटक देखने लगता था  पता नही क्यो बाकी लड़कियो को उसमे कोई कमी नजर आती थी.
खैर शादी होगई मै जब भी रागिनी से मिलने उसके घर जाती थी, नमन  के दर्शन हो ही जाते थे मै उसे अवॉइड करते हुये सीधे रागिनी के कमरे मे चली जाती थी मैने रागिनी से नमन के दिनभर उसके घर मे पड़े रहने का कारण पूछा तो उसने बताया कि नमन राघव के सगे भाई जैसा है उसके घर मे वो  फैशल्टीज मिल पाती है जो यहां मिल जाती है.
मेरे नजरिये से नमन राघव के प्रति भातृत्व कम दिखता था और चमचागिरी ज्यादा करता था और राघव द्वारा मदद की जाने के बावजूद ऐसा लगता था कि वह राघव को हराना चाहता था इस कारण उसके अन्दर जलन की भावना थी.
थोड़े दिन बीत जाने के बाद  जब मै रागिनी के घर गई तो नमन अब आई. पी.एस . ऑफीसर   नमन बन चुका था उसके हाथ मे उसकी शादी का इन्विटेशन कार्ड था. मैने रागिनी से पूछा तो उसने बताया नमन अपनी गर्लफ्रैंड  (जिसके बारे मे अब तक किसी को पता नही था) के साथ शादी करने वाला है.
नमन की शादी अटेंड करने के बाद रागिनी नमन की शादी की बड़ी तारीफे करने मे लगी थी  पर एक बात हैरान कर देने वाली बताई  कि नताशा अपनी विदाई बहुत ज्यादा रो रही थी चुंकि आजकल लड़कियां  विदाई मे कहां इतना रोती है इसलिये उसका इस तरह से रोना बड़ा अजीब साउंड कर रहा था.
इसके बाद नताशा और नमन के रिशेप्शन  मे रागिनी ने मुझे इनवाइट किया .
मैने देखा नताशा और नमन दोनो मुस्कुरा मुस्कुरा कर तोहफे स्वीकार कर रहे थे रागिनी ने मुझे नताशा से मिलवाया और अपना मैने  गिफ्ट नताशा को कॉग्रेचुलेशन कह कर  दिया और नमन की तरफ मैने देखा तक नही.
नमन और नताशा का डांस देखने लायक था पर इन सबके बीच सबने एक बात नोटिस की कि नमन के कान के नीचे चोट लगी है लोगो के पूछने पर नताशा ने नमन का मजाक उड़ाते हुये कहा  कि नमन बड़ी  लापरवाही से चलता है हमेशा कही न कही भिड़ ही जाता है, नताशा की बात पर सिर्फ नताशा ही हंसी और कोई नही हंसा.
नमन और नताशा बैंगलौर मे शिफ्ट होगये.
करीब एक साल बाद जब मै रागिनी मे घर गई तो नमन काफी गुमसुम सा दिख रहा था वही राघव उसे खुश करने की कोशिश करते नजर आरहे थे.
मैने रागिनी से पूछा तो उसने बताया कि
नमन और नताशा मे छोटा सा झगड़ा  हुआ है. मुझे ये बात हजम नही हुई क्योकि छोटे से झगड़े मे  तो अक्सर पति पत्नी अपने करीबियो से एक दूसरे की कमियां निकालते हुये समय पार करते है पर नमन को देख कर तो ऐसा लग रहा था जैसे उससे उसका सबकुछ छिन गया हो.
जब रागिनी मुझसे मिलने आई तो उसने मुझे जो बताया वो चौकाने वाला था.
उसने बताया कि  नताशा और नमन एक साथ बीटेक कर रहे थे तब उन दोनो के बीच दोस्ती हो गई. नमन नताशा के घर आने जाने लगा और नताशा के परिवार वालो से भी अच्छा खासा व्यवहार बना लिया, इसी बीच  नमन को लगने लगा कि वह नताशा से शादी करके अपने सारे सपने पूरे कर सकता है, तो उसने सीधे नताशा को प्रपोज़ कर दिया लेकिन  नमन का दिल टूट गया जब नताशा ने बताया कि वह किसी और से प्यार करती है लेकिन नमन ने नताशा के सामने तो एक जेन्टल मैन की तरह
‘इट्स ओके’
कह कर बात टाल दी पर अन्दर ही अन्दर नताशा का रिजेक्शन उससे बर्दाश्त नही होरहा था.
आई.पी.एस. ऑफीसर बनने के बाद जब वह नताशा के घर गया तो उसने नताशा के पैरेंट्स से नताशा का हाथ मांगा तो नताशा के पैरेन्ट्स ने बिना सोच विचार के हां कह दिया क्योकि वह उनकी ही जाति का था और साथ ही अच्छी जॉब कर रहा था वही नताशा अभी अपने ब्यॉय फ्रैंड को अपने पैरेंट से मिलवा भी नहीं पाई थी  क्योंकि वह एक मुस्लिम था और नमन को ये बात अच्छे से पता थी कि उसके पेरेंट्स उस मुस्लिम से नताशा की शादी के लिए कभी राजी नहीं होंगे इसलिए उसने इस बात का फायदा उठाया.
नताशा नमन से भीख मांगती रही कि वह उससे शादी न करे पर  नमन को  खुद को लेकर बहुत कॉन्फिडेंस था कि उसको लगता था कि शादी के बाद नताशा को भगवान भी छीन नहीं कर सकता. नताशा ने विदाई तक आस लगाये रखी कि नमन किसी तरह से शादी रुकवाये  पर नमन ने नताशा की एक नहीं सुनी.
उसे तो बस शादी मे मिलने वाले दहेज की सेटिंग करने और नताशा से बदला लेने की पड़ी थी.
शादी के बाद नताशा ससुराल आई तो उसने नमन को पति का हक देने से इनकार कर दिया और एक दिन नमन ने नताशा के साथ वह कृत्य करने की कोशिश की जो किसी भी  पति को पत्नी की मर्जी के बगैर नही करना जिसकी वजह से नताशा ने उसे थप्पड मारा जिससे उसकी चूड़ियां उसके कान के नीचे लग गई और उसी चोट को नमन रिसेप्शन के दिन सभी से छिपाता फिर रहा था . फिर दोनो बैंगलौर शिफ्ट होगये
कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक लगने होजायेगा पर एक दिन नमन जब ऑफिस से घर लौटा तो घर में नताशा और सारे जेवरात को नदारत पाया टेबल पर नताशा ने एक कागज पड़ा था  जिसमे लिखा था
‘नमन! यू आर नॉट अ मैन’
नमन ने  पढ़ा तो नमन के होश उड़ गए उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें? उसने नताशा व नताशा के सारे दोस्तों को फोन मिलाया पर नताशा का कुछ पता नहीं चला नताशा के गायब होने की खबर फैलते ही नताशा के मायके वालों ने नमन पर धावा बोल दिया और दहेज का सारा सामान छीन लिया नमन को ऐसा लग रहा था जैसे उसका सब कुछ खो गया है क्योंकि  नताशा के नमन को छोड़ कर  जाने की खबर सुनकर कुछ लोग उसकी हंसी उडाते थे तो कुछ उसे ताना मारते थे  वह उसकी मानसिक हालत ऐसी हो गई थी जिसके कारण उसके घर वाले उसके करीब ही रहते थे कभी उसकी माँ बाप तो कभी उसकी बहन उसके साथ जाकर रहते थे.
बड़ी मुश्किल से नताशा अपने मुस्लिम ब्वॉयफ्रैंड साहिल के साथ सबके सामने आई और गायब होने का कारण बताया कि वो  नमन को ठीक वैसे ही तड़पाना चाहती थी जैसे कि नमन ने उसे तड़पाया
रागिनी द्वारा नमन की दास्तान सुनकर मुझे बहुत ज्यादा हैरानी नहीं हुई क्योंकि जो जैसा बीज बोता है वैसा ही काटता है.
थोड़े दिन बाद मै रागिनी के घर गई तो मैंने देखा कि नमन सोफे पर बैठा हुआ था उसके देखने का रवैया ठीक वैसा ही था जैसा कि पहले मै भी उसे उसी अन्दाज मे इग्नोर करते हुये अंदर गई जैसे कि हमेशा करती थी.

  अन्दर जाकर मैने रागिनी से कहा कि इतना सबकुछ होजाने के बाद मुझे नहीं लगता कि नमन सुधर गया है तब रागिनी ने मेरी बात काटते हुए कहा कि
नमन इस बार नवरात्रि के व्रत रख रहा है ताकि उसे नताशा से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाये और उसकी शादी एक अच्छी लड़की से होजाये  तब मैने रागिनी से कहा कि नवरात्र मे  वृत रखने के बजाय नमन अगर स्त्रियो का सम्मान करने लगे तो देवी मां बिना पूजा पाठ या वृत के  खुश होकर कृपा कर देंगी.
इतना कहने बाद मैने जब मैने पीछे मुड़ कर देखा तो  नमन को पीछे खड़ा पाया और वह मेरा मुंह ताक रहा थ‍ा, रागिनी बात को बदल कर दूसरे  टॉपिक पर बाते करने लगी पर मुझे अपने कहे हुये शब्दो पर कोई अफसोस नही था क्योकि मैने कुछ गलत नही कहा, खैर रागिनी से
“बाय फिर मिलते है”
कह कर मै वहां से चलते बनी और चलते-चलते  मैने विचार किया  कि वाकई नमन या उसके जैसा कोई लड़का अगर लड़कियो के प्रति संवेदनशील नही होते है तो उन्हे कुछ ऐसे ही सबक मिलते है जिसके बाद उन्हे पछताना पड़ता है.

Related Post