कुछ ना कहते हुए भी ज़िन्दगी बहुत कुछ कह जाती है।
हर अरमान को पल भर मे पूरा कर जाती है।
हर सपने को एक लौ देती है,
पर सपने को पल भर मे तोड़ भी देती है।
दिशाए देकर भी दिशा हीन कर जाती है।
कुछ न कहते हुए भी ज़िन्दगी बहुत कुछ कह जाती है।
पल भर मे शरारत करती है,
पल भर मे शिकायत करती है।
इस रंगीन सी दुनिया मे सबको बाँध कर रखती है।
कभी अपनों को मिलाती है,
तो कभी मिला कर भी बेगाना कर जाती है।
कुछ ना कहते हुए भी ज़िन्दगी बहुत कुछ कह जाती है.