अपनी प्यारी सी मुस्कान से,
मेरे होंठो पे हंसी लाने का शुक्रिया.
जिस ज़िन्दगी की चाह थी मुझे,
उस ज़िन्दगी में मुझे शामिल करने का शुक्रिया.
वक़्त की मुश्किलों के साथ अकेली थी मैं ,
आकर मेरा हाथ थामने का शुक्रिया.
हम लड़े, झगडे, तकरार हुई,
फिर भी उस बढ़ते प्यार का शुक्रिया.
ज़िन्दगी के इस सुनसान सफ़र मे,
आकर मेरे हमसफ़र बनने का शुक्रिया.
मैं बेटी, बहु और बीवी बनी,
अपना नाम दे कर मुझे पूरा करने का शुक्रिया.
हंसी-ख़ुशी, सुख-दुःख मे ये पूरा साल बीत गया,
शादी के इस पहले साल को एक खूबसूरत याद बनाने का शुक्रिया.
मेरे अपनों को अपना कहने का शुक्रिया.
भूमिका भंडारी अग्रवाल