भावुकता में बह जाऊँ मैं,
ये मुझको मंजूर नही है।
भीगी पलके खारे आंसू,
ये मेरी तकदीर नही है।
बढती जाती हूँ राहों पर,
संकल्पों को मन में दृढ कर,
रोक सके जो मुझको क्षण भर,
ऐसी कोई जंजीर नही है,
भीगी पलके खारे आंसू,
ये मेरी तकदीर नही है।
मेरी आशा, मेरे सपने,
मन में जागे अरमा कितने,
पा जाऊँ मैं लक्ष्य को अपने,
अब मंजिल मेरी दूर नही है।
भीगी पलके, खारे आंसू,
ये मेरी तकदीर नही है।
करती रहूँ लक्ष्य का पीछा,
जनको का मस्तक करने ऊँचा,
जो झुकी हो नजरें और सर नीचा,
ये मेरी तस्वीर नही है,
भीगी पलके, खारे आंसू,
ये मेरी तस्वीर नही है।
विचलित कर पाए जो पथ से,
या भर दे जो मुझको मद से,
मेरे हाथो में कह दो सब से,
ऐसी कोई लकीर नही है,
भीगी पलके, खारे आंसू,
ये मेरी तकदीर नही है..