लेख

अन्ना,युवा और हमारे ‘बुद्धिजीवी’

अन्ना,युवा और हमारे ‘बुद्धिजीवी’ शीर्षक में ज़्यादा कन्फ्यूज़्ड होने की आवश्यकता नही है| अन्ना जी को जो समर्थन मिला है उसका पहला कारण तो ज़रूर उनका बेदाग चरित्र है,लेकिन एक…

Poem

मकसद है अगर कुछ ज़िंदगी का

मकसद है अगर कुछ ज़िंदगी का,जीने का सलीका सीखिए| फूलों की राहों पर नहीं,काँटों पर चलना सीखिए. गुम हो न जाएँ मंज़िलें हो न ऐसी हार,राहों को ज़िंदगी की मंज़िल…

Poem

कोमल- पत्थर

चलते फिरते लोग हैं,इस दुनिया के पत्थर| दूजे का जो गम है, उनके लिए है पत्थर| अपने लिए है जीते वो और अपना समा बनाए| उनका ये ख़याल है खुद…