अन्ना,युवा और हमारे ‘बुद्धिजीवी’
अन्ना,युवा और हमारे ‘बुद्धिजीवी’ शीर्षक में ज़्यादा कन्फ्यूज़्ड होने की आवश्यकता नही है| अन्ना जी को जो समर्थन मिला है उसका पहला कारण तो ज़रूर उनका बेदाग चरित्र है,लेकिन एक…
अभी अपना हिन्दी ब्लॉग बनायें।
अन्ना,युवा और हमारे ‘बुद्धिजीवी’ शीर्षक में ज़्यादा कन्फ्यूज़्ड होने की आवश्यकता नही है| अन्ना जी को जो समर्थन मिला है उसका पहला कारण तो ज़रूर उनका बेदाग चरित्र है,लेकिन एक…
मकसद है अगर कुछ ज़िंदगी का,जीने का सलीका सीखिए| फूलों की राहों पर नहीं,काँटों पर चलना सीखिए. गुम हो न जाएँ मंज़िलें हो न ऐसी हार,राहों को ज़िंदगी की मंज़िल…
मोबाइल बनाने वाले,.क्या तेरे मन में समाई... तू ने काहे ये चीज़ बनाई... काहे बनाया तू ने छोटा सा इसको... कोई भी धर ले अपनी पॉकेट में इसको... चोरी हो…
चलते फिरते लोग हैं,इस दुनिया के पत्थर| दूजे का जो गम है, उनके लिए है पत्थर| अपने लिए है जीते वो और अपना समा बनाए| उनका ये ख़याल है खुद…
भाई हमें तो ब्लॉग में हिन्दी में लिखने का माध्यम मिल गया है| बड़ा ही अच्छा लग रहा है| हिन्दी में लिखने का फ़ायदा भी मिल सकता है क्योंकि आप…
छोटी बेल की है हसरत,कि वो आसमा को छू ले| हर बूटा उसे बढ़ाके नई उँचाई दे दे | इस दुनिया के मलिक या जब हसरत उसकी जानी| मिट्टी बारिश…