Poem

aashayein

मेरे मन की आशायें जो , उठने से पहले दब जाती हैं। मैं इतनी कमज़ोर नहीं हूँ , फिर क्यों सपने बन कर रह जाती हैं। परिंदो की तरह उड़ना…

Uncategorized

mai beti hu..

माँ के हाथ की रोटी याद है. पापा के साथ की मस्ती याद है. वो ठंडी ठिठुरति रातों में, एक रज़ाई की गरमाई याद है। आज इन यादो की मुझसे…