Poem

ग़म तल्खियो मे जीना, खुद से वफ़ा नहीं है। अपनी ही सोच बदलो, किस्मत खफा नही है। भवरो की गुनगुनाहट, फूलो की खिलखिलाहट, अपना भी हक है इनमे, कोई खता…

Poem

shukriya………

अपनी प्यारी सी मुस्कान से, मेरे होंठो पे हंसी लाने का शुक्रिया. जिस ज़िन्दगी की चाह थी मुझे, उस ज़िन्दगी में मुझे शामिल करने का शुक्रिया. वक़्त की मुश्किलों के…

Poem

for my father………

बीते हुए दिनों की वो,महक कभी आ जाती है. एक धुंदली सी तस्वीर , आँखों पे छा जाती है. वो छोटी छोटी डांट, और उसके बाद दुलार. वो मेरे अनसुलझे…