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एक पैर वाला कलहंस (लिथ्वानिया की लोककथा)

एक बार की बात है , एक ज़मींदार हुआ करता था. उसका एक बावर्ची था. एक दिन उसने बावर्ची को भुना हुआ कलहंस बनाने को कहा. बावर्ची ने कलहंस भूनकर…

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भरत पक्षी और दादुर (लिथ्वानिया की लोककथा)

इश्वर को जब भरत पक्षी बनाने का मन किया तो उन्होंने थोड़ी गीली मिटटी हवा में फेंकी , वह भरत पक्षी बनकर, ज़मीन पर पहुंची और गाना गाने लगी. शैतान…

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उल्लू की आँखें (लिथ्वानिया की लोक कथा)

बहुत समय की बात है जब जानवरों और पक्षिओं के पास आँखें नहीं थीं . तब एक दिन इश्वर ने उन सबको आँखें बांटने के लिए बुलाया. – जो पहले…